इसके अतिरिक्त उन्होंने अस्पताल के भवन को भी दुरुस्त किए जाने की बात कही. उन्होंने जेल के अंदर कारखानों में कार्यरत कैदियों से मुलाकात की, तदुपरांत उन्होंने मुक्त कारागार एवं महिला कारागार का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने काराओं की व्यवस्था को सुधारने के लिए भी पहल किए जाने की बात कही.
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया काराओं का निरीक्षण
- औद्योगिक इकाइयों, रसोईघर, अस्पताल, उच्च सुरक्षा तथा अति उच्च सुरक्षा सेल का किया निरीक्षण
- मौजूद रहे विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य तथा कारा कर्मी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह द्वारा तीनों काराओं का निरीक्षण किया गया. सेंट्रल जेल निरीक्षण के दौरान जेल में स्थित सभी वार्डों वाल्मीकि, विश्वामित्र, तुलसी, विवेकानंद के कैदियों से उनकी समस्या जानकारी ली. उन्होंने जेल अधिकारी को निर्देश दिया कि जुविनाइल के अंतर्गत कैदियों को अन्य कैदियों से अलग रखे. साथ ही बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को वार्ड के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने जेल अस्पताल में भर्ती कैदियों से भी बातें की एवं कारा अधीक्षक को निर्देश दिया कि अस्पताल में दवा का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए. इसके अतिरिक्त उन्होंने अस्पताल के भवन को भी दुरुस्त किए जाने की बात कही. उन्होंने जेल के अंदर कारखानों में कार्यरत कैदियों से मुलाकात की, तदुपरांत उन्होंने मुक्त कारागार एवं महिला कारागार का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने काराओं की व्यवस्था को सुधारने के लिए भी पहल किए जाने की बात कही.
जिला जज ने सभी काराओं में स्थित भोजनालय में कैदियों के उपलब्ध भोजन का जानकारी ली. मौके पर कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने उन्हें बताया कि भवन निर्माण विभाग के पास एक अन्य रसोई घर बनाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है. मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि रसोई गैस में रोटी मेकिंग मशीन आदि की संख्या बढ़ानी चाहिए हालांकि, सफाई आदि की व्यवस्था से वह काफी संतुष्ट दिखे. उन्होंने कैंटीन का भी जायजा लिया जिसके बाद वह उच्च सुरक्षा कक्ष तथा अति उच्च सुरक्षा कक्ष में भी गए जहां उन्होंने कैदियों से बातचीत की. जिला जज को यह बताया गया कि बिक्रमगंज से आने वाले कैदियों को पहले 14 दिन तक अंडा सेल में क्वॉरेंटाइन किया जाता है तत्पश्चात उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. अपने निरीक्षण की समाप्ति के बाद उन्होंने विजिटर्स बुक में अपनी बातें भी लिखी.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा किए गए निरीक्षण में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी, मुक्त कारा अधीक्षक शालिनी सिंह भी शामिल थे. उनके साथ पैनल अधिवक्ता आशुतोष ओझा, अधिवक्ता जितेंद्र कुमार एवं प्रीति कुमारी, राज किशोर सिंह, दीपेश श्रीवास्तव, देव प्रसाद शास्त्री, पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा संचालित आरसेसीटी के सीनियर फैकल्टी आराधना कुमारी, केंद्रीय कारा अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमरेंद्र आनंद मौजूद रहे. कारा अधीक्षक ने बताया कि आरसेटी के निदेशक प्रशांत कुमार किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके.
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