सिकठी पैक्स अध्यक्ष पूना सिंह पुलिस अभिरक्षा से फरार, 50 लोगों पर एफआइआर..

न्यायालय के द्वारा गिरफ्तारी मेमो की मांग की गई जिसे लाने के लिए धनसोई थाने की पुलिस को सूचना दी गई लेकिन, जब तक पुलिस मेमो लेकर पहुंचती तब तक पूना सिंह तथा अमरीश सिंह के समर्थकों की भीड़ बढ़ने लगी और बढ़ती भीड़ के बीच मौके का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गए. 

 






- साथ में भाग निकला मारपीट के आरोप में बंद भाई अमरीश सिंह
- व्यवहार न्यायालय में पेशी के लिए लाए गए थे दोनों, हुए फरार

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चुनावी रंजिश में हुई मारपीट मामले में पुलिस की हिरासत से सिकठी पैक्स अध्यक्ष निशांत कुमार सिंह उर्फ पूना सिंह तथा उनके भाई अमरीश सिंह न्यायालय परिसर से भाग निकले हैं. वह न्यायालय में पेशी के लिए लाए गए थे. इसी बीच न्यायालय के समक्ष पेशी में हो रही देरी के बीच वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकले. मामले में पुलिस ने पूना सिंह उनके भाई अमरीश सिंह एवं तकरीबन 50 नामजद तथा अज्ञात समर्थकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है. वहीं, मामले में कुछ अभियुक्तों को हिरासत में भी लिया गया है. 




मिली जानकारी मुताबिक चुनावी रंजिश में 2 अक्टूबर को हुई मारपीट की घटना में पूना सिंह तथा अमरीश सिंह को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें इलाज के लिए ट्रामा सेंटर भेजा गया था, जहां से इलाज के उपरांत उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. न्यायालय के द्वारा गिरफ्तारी मेमो की मांग की गई जिसे लाने के लिए धनसोई थाने की पुलिस को सूचना दी गई लेकिन, जब तक पुलिस मेमो लेकर पहुंचती तब तक पूना सिंह तथा अमरीश सिंह के समर्थकों की भीड़ बढ़ने लगी और बढ़ती भीड़ के बीच मौके का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गए. 

घटना की पुष्टि करते हुए एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने जाने के साथ-साथ दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.






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2 Comments

  1. सवाल है कि 2 अक्टूबर कि घटना है 7 अक्टूबर को फरार हुए 5 दिनों तक पुलिस मेमो क्यों रोक कर रखी थी 24 घंटे के अंदर किसी भी व्यक्ति को पकड़ने के बाद न्यायलय के समक्ष पेश करना होता है पर पुलिस ने ऐसा नहीं किया ये पुलिस कि घटिया कार्य प्रणाली को दर्शाता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि वाराणसी में फ़जीहत करा चुकी बक्सर पुलिस पैक्स अध्यक्ष पर थाने ले जाकर अपना खिझ उतारने वाली थी और इससे बचने के लिए पैक्स अध्यक्ष ने भाग जाना उचित समझा हो

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  2. Yes ।यह पुलिस की तानाशाही है

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