संत उघारी बाबा के ब्रह्म भोज पर स्वजनों तथा ग्रामीणों ने लिया अनोखा संकल्प ..

आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि उघारी बाबा समाज की सेवा में तत्पर त्यागी और भजनानन्दी महात्मा थे. वे सबके प्रति उदार, सबका हित करनेवाले तथा स्वयं अभाव में जीवन जीने वाले महात्मा थे. उनके भोजपुरी भाषणों और भजनों से पूरे शाहाबाद में उनकी लोकप्रियता बढ़ गई थी.

 




- याद में लगाया पौधा, हर वर्ष पौधरोपण कर मनाई जाएगी संत की पुण्यतिथि
- शिवरात्रि के दिन 96 वर्ष की अवस्था में हुआ था देहावसान ब्रह्म भोज पर लिया संकल्प

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: श्रीसनातनशक्तिपीठसंस्थानम् की शाखा आध्यात्मिक सत्संग मंडल के संत उघारी बाबा की याद में उनके स्वजनों तथा ग्रामीणों ने उनके ब्रह्म भोज के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए वृक्षारोपण किया. सभी ने यह संकल्प लिया कि, संत की याद में उनकी पुण्यतिथि पर हर वर्ष पौधरोपण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. दरअसल, संत उघारी बाबा का शिवरात्रि की रात में 96 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया था वे भोजपुर जिले के बिहिया प्रखण्ड के बाँधा गाँव के मूल निवासी थे. उनका नाम श्रीनिवास ओझा था. महात्मा गॉंधी से प्रेरित होकर उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था और एक ही धोती आधी पहनते और आधी ओढ़कर रहते थे. जिसके कारण उनका नाम उधारी बाबा पड़ गया. वह बिना चप्पल-जूते के गाँव-गाँव में घूमते थे.



उनके पुत्र सामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर ओझा ने बताया कि उनके पिता सदैव पर्यावरण संरक्षण को लेकर सजग रहते थे. तुलसी के पौधे पर किए उनके शोध की वजह से वर्ष 1993 में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली थी. ऐसे में आज उनके ब्रह्मभोज के पश्चात उनके गांव पर पहुंचे सभी स्वजनों तथा ग्रामीणों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया. छात्र नेता सौरभ तिवारी बताते हैं कि, संत उधारी बाबा उनके नाना थे. वह सदैव पर्यावरण और समाज के लिए संकल्पित थे. उन्हीं की प्रेरणा से बक्सर में उन्होंने हर रविवार युवा पुकार मां गंगा के पार नामक अभियान शुरू किया जो आज कई वर्षों के बाद भी अनवरत जारी है.

दिवंगत संत के जेष्ठ पुत्र मदन ओझा ने बताया कि उनके पिता शुरु में समाजवादी नेता और स्वतंत्रता सेनानी पं. रामानंद तिवारी के सहयोगी थे. बाद में अन्तर्राष्ट्रीय संत स्वामी अखिलेश जी और प्रसिद्ध रामायण-भागवत के वक्ता आचार्य भारतभूषण जी के साथ पूरे देश और नेपाल के कुछ भागों में विस्तृत भ्रमण किया था. वह गोस्वामी तुलसीदास जी, कबीर दास, महात्मा गॉंधी और भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर से अत्यधिक प्रभावित रहते थे. आध्यात्मिक सत्संग मंडल के अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि उघारी बाबा समाज की सेवा में तत्पर त्यागी और भजनानन्दी महात्मा थे. वे सबके प्रति उदार, सबका हित करनेवाले तथा स्वयं अभाव में जीवन जीने वाले महात्मा थे. उनके भोजपुरी भाषणों और भजनों से पूरे शाहाबाद में उनकी लोकप्रियता बढ़ गई थी. बाबा हँसमुख, परोपकारी, सत्संगी महात्मा और समाजसेवी थे. पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान विनोद कुमार ओझा, गीता देवी, पूनम देवी, सरिता देवी, बबुना कुंवर, दुर्गावती देवी, दिव्या ओझा, अनुभव ओझा, ममता तिवारी, समीक्षा तिवारी, कनीनिका तिवारी, रुही, कृष्ण कांत ओझा समेत कई लोग मौजूद रहे.







Post a Comment

0 Comments