बढ़ रही संक्रमितों की संख्या, गायब हुए रेलवे के कोविड केयर कोच ..

नॉन एसी कोच को कोविड कोच में तब्दील किया था ताकि, आपातकालीन हालात में इन कोच में कोरोना के मरीज को आइसोलेट कर इलाज किया जा सके. कोचों में ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की व्यवस्था की गई थी. पूरे देश भर में हुए इस इस निर्माण में तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये की राशि भी खर्च की गई थी. पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 269 कोचों को तैनात किया गया था.

 




- कोरोना से जंग कोविड केयर कोच की होगी आवश्यकता
- ट्रेनों के रूप में किया जा रहा है परिचालन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: रेलवे की ओर पिछले साल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कोविड केयर कोच का निर्माण किया गया था. पूर्व-मध्य रेल की ओर से 269 कोविड केयर कोच क्वारंटाइन केन्द्र के रूप में बनाया गया था लेकिन, एक भी कोच को काम में नहीं लाया गया था. कोरोना संक्रमण के शांत होते ही सारे कोविड केयर कोच को हटा दिए गए. संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बाद अब फिर से इन कोविड केयर की खोजबीन शुरू हो गई है.



रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि, पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद था ऐसे में कोचों को कोविड कोच का रूप दे दिया गया. हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद और ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के पश्चात सभी का इस्तेमाल परिचालन में किया जा रहा है. दूसरी तरफ अबकी बार जितनी तेजी से संक्रमण का विस्तार हो रहा है उसे देखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ बेड की भी जरूरत होगी और कोविड कोच इस जरूरत को पूरा कर सकते हैं.

पूरे देश में बने थे कोच पर नहीं हुआ उपयोग:

पिछले वर्ष कोरोना काल मे रेलवे ने पूरे देश में 4000 नॉन एसी कोच को कोविड कोच में तब्दील किया था ताकि, आपातकालीन हालात में इन कोच में कोरोना के मरीज को आइसोलेट कर इलाज किया जा सके. कोचों में ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की व्यवस्था की गई थी. पूरे देश भर में हुए इस इस निर्माण में तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये की राशि भी खर्च की गई थी. पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 269 कोचों को तैनात किया गया था लेकिन पिछले साल इनकी राज्य व केंद्र सरकार द्वारा इनकी मांग नहीं हुई. वहीं लॉकडाउन परिस्थितियां अनुकूल होते ही ट्रेनों का परिचालन भी शुरू कर दिया.

फिर हो जरूरत तो रोकना होगा परिचालन:

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार बताते हैं कि पिछले वर्ष लॉकडाउन की वजह से सभी ट्रेनें रेलवे के पास खड़ी थी ऐसे में उन्हें कोविड केयर कोच में तब्दील करने में आसानी हुई लेकिन, अब जबकि परिचालन सुचारू है ऐसे में कोविड केयर कोच बनाने में परिचालन प्रभावित होगा. जरूरत के हिसाब से यह तुरंत ही तैयार हो जाएगा.


कहते हैं अधिकारी:

पिछले वर्ष कोविड केयर कोच इस्तेमाल नहीं किए गए थे. बाद में ट्रेनों का परिचालन सुचारू होने के बाद मेल, एक्सप्रेस तथा स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. ऐसे में अब रेलवे के पास कोई कोविड केयर कोच नहीं है हालांकि, जरूरत पड़ने पर यह तुरंत बनकर तैयार हो जाएंगे.

राजेश कुमार
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी,
पूर्व-मध्य रेलवे








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